By मबीजो चिरशा, World BEYOND War, जून 14, 2020.
अज़ानिया!!
अज़ानिया! मेरे पास आपके लिए एक गाना है
क्रांति की फटी हुई पंखुड़ियों पर इंद्रधनुषी रस का आनंद ले रही मधुमक्खियों का गीत
एगोली! मेरे पास आपके लिए एक प्रेम गीत है
नोमवुला का गीत, बारिश के राजकुमार
मदिकिज़ेला! मेरे पास आपके लिए एक प्रेम गीत है
परित्यक्त कविता का गीत.
मेरे पास थेम्बिसा में चुकंदर खाने के शौकीन लोगों के लिए एक प्रेम गीत है
थोकोज़ा में पोवो गांजा पी रहा है
मेरे पास ट्वीट करने वाले मूर्खों के लिए एक प्रेम पत्र है, जिनके पेट खालीपन से जल रहे हैं
ज़म्बेजी! मेरे पास आपके लिए एक प्रेम गीत है
राज्य की नकदी गायों को दूध देने वाली मोटी बिल्लियों का गीत, जब तक कि उनके थनों से खून न बहने लगे
मेरे पास तुम्हारे लिए एक प्रेम गीत है, अज़ानिया
ओवन में तलने वाले आपके बॉटम्स का गाना ज़ेनोफ़ोबिया
राजनीतिक दलबदलू मारीकाना के खेतों को खून से सींच रहे हैं
नारंगी नदी लाल रंग में बह रही है
सिकाडस विरोध गीत गा रहे हैं
कलगाडी में वानरों के साथ अंतिम संस्कार सैंडविच खा रहे हैं।
जलते पेड़ों में नींद नहीं मिल रही
अज़ानिया, इस जंगल ने हमारे सपनों के कोयले को जला दिया।
अज़ानिया!
(Ii)
अज़ानिया, मंडेला की गंध और स्मृति
मजांसी, सोबुक्वे की लंबी सैर
रूपक और महत्वाकांक्षा की भूमि
ज़ेनोफ़ोबिया के जहर से घुट रहा हूँ
नकली क्रांति और इंद्रधनुषी राष्ट्र के अनुप्रास के शोर से बच्चे सो गए
पागलपन के रूपक!
हानी और स्लोवो को देखें-अपनी स्वतंत्रता के सूरज को जीवन की छतों से सराफिना को देखते हुए
एक जख्मी क्रांति!
इस भूमि में जिसने अपना सोना और नमक खो दिया।
अज़ानिया, तुम आखिरी खिलखिलाहट हंसते हुए इंद्रधनुष हो
ज़ेनोफ़ोबिया ने इंद्रधनुषी झंडों को जलाकर राख कर दिया
ज़ेनोफ़ोबिया! काली चींटियाँ वापस अपनी गर्भनाल मिट्टी में बिल बना रही हैं
मदीबा रो रही है, एक और गर्मी, एक और इंद्रधनुष के लिए गा रही है
मदीबा इंद्रधनुष के साथ चली गई, उस मिट्टी को पकड़कर जो इंद्रधनुष के धागों को एक साथ बांधती है!
अज़ानिया, मंडेला क्रांति की मिट्टी और सूरज की चमक थे
अज़ानिया, लोमड़ियाँ और उनके पिल्ले सोने के बर्तन से खा रहे हैं- एगोली।
लकड़बग्घे इस धरती की मिठास को सूँघ रहे हैं जो अब क्रांतिकारी बीमारियों से पीड़ित है
मदीबा की मिट्टी को हमेशा के लिए ले जाने वाले सोवतो के दिल की धड़कन को देखें!
सूरज को सलाम करती ग़रीबी, आज़ादी का दूध पीते कॉकरोच।
अज़ानिया! आपने आज़ादी का फल पाया है, आज़ादी का फल, लाल सूरज और घायल इंद्रधनुष नहीं
इंद्रधनुष पत्थर में सो रहा है, मंडेला!
बारिश और अनाज निगलने के बाद रोता हुआ इंद्रधनुष मरीकिना।
मारीकाना! एफ्रो फोबिया प्रियतम को खा रहा है। प्रिय गोलाबारी, रंगभेद के मोर्टार में बंदरों की तरह भाइयों को पीटना।
आज़ादी की पतली झलक पाने के लिए जन्मे आज़ाद अपने कंधे चटकाते हैं।